होली फेस्टिवल क्यों मनाया जाता है Holi festival kyon manaya jata hai janiye

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होली भारत का एक मुख्य त्यौहार है

जिसे रंगों का पर्व ” भी कहा जाता है। क्या हर साल का फिल्गुल मांस की पूर्णिमा को मनाया जाता है और वसंत क्षतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग और गुलाल लगाकर खुशियां मनाते हैं और पुराने गिले शिकवे बोलकर एक नई शुरुआत करते हैं।

  1. होली का धार्मिक महत्व :* 
    होली का त्योहार कई धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। इसका प्रमुख संबंध भक्ति प्रहलाद और भगवान विष्णु से है। पौराणिक कथा के अनुसार हिरणकाशीपुर आपकी बहन होलिका में भक्त प्रहलाद को करने के लिए आज में बैठाया था, लेकिन वह स्वयं जल गई और प्रहलाद सुरक्षित बच गए। इस घटना की याद में होली का पर्व मनाया जाता है, भाई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है।
  • होली का संस्कृत महोत्सव :होली केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, मलकिया सामाजिक और संस्कृत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग जाति धर्म और गर्व मैं भूल कर एक दूसरे के साथ प्रेमपूर्वक रंगखेलते हैं। इससे समाज में एकता और भाईचारे की संभावना बढ़ती है।

 

होली के पहले दिन: उनका दहन

  • होली का त्योहार 2 दिन में तक मनायाजाता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है जिससे छोटी होली’ भी कहा जाता है। इस दिन लकड़िया और उपले एकत्र कर होलिका जलाने की परंपरा है, जो बुराई ‌ के नशा का प्रतीक मानी जाती है। लव इस अग्नि के चारों ओर घूम कर प्रार्थना करते हैं और सुख समृद्धि कामनाकरते हैं।

 

दूसरे दिन: रंगो वाली होली  

  • दूसरे दिन को रंग वाली होली या धुलेटी कहा जाताहै। इस दिन लोग रंग गुलाल और पानी के साथहोली खेलते हैं। बच्चे पिचकारियों से पानी के रंग उड़ाते हैं, और बड़े बुजुर्ग भी इस रंगात्सव मैं भाग लेते हैं। ढोल नगाड़ा की धुन पर लोग नाश्ते गाते हैं और मिठाइयां बनाते हैं।
  • भोज और पकवानों की विशेषता
    जी के अवसर पर विशेष प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं गुजिया मालपुआ दही भल्ले पापड़ ठंडाई आदि त्यौहार की विशेष पहचानहै। खास तौर पर उत्तर भारत में गुजिया खाने खिलाने की परंपरा है इसके अलावा ठंडाई और बहन भी इस दिन का एक विशेष आकर्षण होता है ।
  • होली और बॉलीवुड
    भारतीय सिनेमा में भी होली का बहुत खूबसूरती से चित्रितकिया है। कई प्रसिद्ध हिंदी फिल्मों में होली के गीतों को खास महत्व किया गया है, कैसे रंग बरसे (सिलसिला) होली के दिन दिल खिल जाते हैं (‌ शोले) यदि। मैं एक हर साल होली के उत्सव को और भी रंगीन बना देता है
  • अलग-अलग राज्यों में होली का उत्सव  होता  हैं भारत के विभिन्न विश्व में होली का अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है मथुरा और वृंदावन में इसे लठमार होली के रूप में मनाया जाता है जहां महिलाएं पुरुषों को लाठियो से मारती है। करनाल में किसे दोल उड़ाना के रूप में मनायाजाता है, जबकि पंजाब में होला मोहल्ला नामक विशेष उत्सव होता है, जिसमें सिख समुदाय युद्ध कौशल का प्रदर्शन करता है। इसबर 2025 मैं मार्चच केमहीने 13 तरीख को दहन और 14 तारीख को रंगों का त्यौहार इस दिन सब लोग एक दूसरेे क रंग लगाकर बधाइयांंदेते हैं

 

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